Saturday, March 10, 2012

तुम्हें जाना है तो चले जाओ

तुम्हे जाना है तो चले जाओ
मत रुको मेरे दिल आंगन मे
समझा कर भी देख लिया
रो कर भी देख लिया
समझे ना तुम मुझे
तुम्हे जाना है तो चले जाओ
झूटे वादे कसमे ना निभाओ
धुंधले धुंधले पड़ गए
अक्स तेरी मेरी यादो के
गुनाह सा लगता है
मुझे झूट बोलना तुमसे
समझो ना अब तुम भी
तुम्हे जाना है तो चले जाओ
भोला था शायद वक़्त तब
मिले जब हम तुम ....
डरवाना सा हो गया
कोई छिन रहा वह भोलापन
लगता मुझे जैसे पिला दिया
किसी अजीज ने भर प्याला
जहर का धोखे से मुझे
तुम्हे जाना है तो चले जाओ
एहसास जज्बातों सपनो को
किस तराजू मे रखु
कांटा करने लगा सवाल मुझे
हल्का पड़ गया ...
फिर भी न उठने दे यह भोझ मुझे
जो बिता उसे सजोने दे
तुम्हे जाना है तो चले जाओ
मत रुको मेरे दिल आँगन में
मैं ''पवन''धो डालूँगा निशाँ वह तेरे

-----पवन अरोडा-----